Kharif Crops Sowing : कृषि वैज्ञानिकों की सलाह को इग्नोर करके खरीफ फसलों की बुवाई करने वाले किसान (Farmer News) बुरे फंस गए हैं. कम नमी में बुवाई करने की वजह से जर्मिनेशन कम हुआ है ! जिससे उत्पादकता (Farmer) कम होगी ! ऐसे में अब कई किसान (Farmer) दोबारा बुवाई कर रहे हैं |
Kharif Crops Sowing
आखिर क्यों परेशान हैं, मराठवाड़ा के किसान – महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही, कहीं ज्यादा बारिश, कहीं कम कभी उपज (Agriculture) अच्छी नहीं हुई तो कभी दाम नहीं मिला | यह सिलसिला कब रुकेगा किसी को नहीं पता इस साल मराठवाड़ा में किसानों को बहुत नुकसान हुआ है !
कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह –
क्योंकि किसानों( Kharif Crops Sowing ) ने जल्दी खरीफ फसलों की बुवाई कर दी | लेकिन नमी के अभाव में जर्मिनेशन यानी फसल का जमाव ठीक नहीं हुआ | ऐसे में कई जगहों पर दोबारा बुवाई करने का संकट आ गया है ! जबकि कृषि विभाग ने किसानों को सलाह (Farmers Advisory) दी है !
Kharif Crops Sowing – जब तक कम से कम 75 से 100 मिमी बारिश न हो तब तक खरीफ फसलों की बुवाई न करें, लेकिन किसानों ने इस सलाह को इग्नोर किया जिसका साइड इफेक्ट उन्हें खेत में देखने को मिल रहा है ! सोयाबीन रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने भी कहा है, कि किसान (Farmer News) पर्याप्त वर्षा करीब 100 मिमी होने की स्थिति में ही सोयाबीन की बुवाई करें. लेकिन किसानों ने बिना बारिश के ही बुवाई कर दी. जिससे न सिर्फ मेहनत खराब हो गई बल्कि सीड की लागत भी बेकार हो गई !
दाल की खेती बड़े पैमाने
अब उन्हें दोबारा बुवाई करके डबल मेहनत करनी होगी ! मराठवाड़ा ( Kharif Crops Sowing ) में सोयाबीन मुख्य फसल मानी जाती है ! खरीफ सीजन में किसान (Farmers Advisory) सबसे ज्यादा सोयाबीन पर निर्भर रहते हैं. इसके अलावा यहां मूंग तुअर और उड़द की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
दलहन फसलों पर भी असर
एग्रीकल्चर में – बारिश होने से पहले ही बुवाई करने का खामियाजा कई क्षेत्रों के किसान भुगत रहे हैं. मराठवाड़ा के जालना, नांदेड़, परभणी जिलों में दलहन की बुवाई (Sowing) जल्दी करने के चक्कर में किसानों ने यही गलती की थी ! लेकिन कम वर्षा होने के कारण अंकुरण अच्छा नहीं हुआ ! बीज बेकार हो गया, इसलिए इन जिलों में काफी किसानों (Farmer) को दोबारा दलहन फसलों की बुवाई करनी होगी ! वरना उनकी उत्पादकता प्रभावित होगी ! केंद्र सरकार का दलहन और तिलहन फसलों पर फोकस है ! क्योंकि इन दोनों में देश अभी आत्मनिर्भर नहीं हुआ है.
क्या कह रहे हैं किसान –
Farmer News – किसानों का कहना है, कि मराठवाड़ा (Kharif Crops Sowing) में हर साल बारिश की कमी होती हैं ! लेकिन इस साल काफी कम बारिश हुई ! आमतौर पर जून के अंत में बारिश होने लगती है ! और किसान (Farmer) उसके साथ ही बुवाई शुरू कर देते हैं ! इस साल किसानों ने बुवाई समय पर पूरी करने के चक्कर में बड़ी गलती कर दी ! वर्षा के आधार पर मिट्टी में नमी के अभाव में बुवाई की गई जो घातक बन गई ! किसानों ने इस बार बहुत जोखिम उठाकर दलहन की बुवाई की थी |
Agriculture – जालना जिले में दलहन की अच्छी खेती होती है !अब कम जर्मिनेशन की वजह से किसानों (Farmers Advisory) को चिंता सता रही है, कि पता नहीं प्रोडक्शन कैसा होगा ! हालांकि, यहां किसान (Farmer) अब दलहन फसलों की जगह सोयाबीन और कॉटन की खेती पर जोर दे रहे हैं ! फिलहाल कृषि विभाग ने कहा है, कि बुवाई करने से पहले यह ध्यान रखें कि खेत में नमी है या नहीं ! अगर नहीं नहीं होगी तो नुकसान हो जाएगा !
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