Mulching – The Protector Of Soil – देश में किसान ( Farmer ) प्लास्टिक मल्चिंग ( Mulching ) का प्रयोग करते हैं ! पर प्लास्टिक के सड़ने के बाद इसे फेंकने की समस्यया होती है ! इसके कारण हर साल मल्च ( Farming ) का कचरा तैयार होता है ! लेकिन अब कोकोपिट से मल्चिंग ( Mulching Soil ) तैयार की जा रही है, जो पूरी तरह ऑर्गेनिक ( Agriculture ) है ! और खराब होने के बाद पूरी तरह से सड़ कर मिट्टी में मिल जाता है !
Mulching – The Protector Of Soil
दुमका में एक किसान ( Farmer ) के फार्म में लगा कोको पिट मल्च –
हाल के दिनों में दिल्ली में एक संस्था ( Mulching – The Protector Of Soil ) ने सर्वे किया था, जिसमें पाया गय था ! कि मल्चिंग ( Mulching Soil ) के लिए इस्तेमाल किया जाने वाले प्लास्टिक के कारण मिट्टी ( Soil Health ) को नुकसान हो रहा है ! क्योंकि सड़ने के बाद इसके छोटे टूकड़े मिट्टी में मिल रहे हैं ! मिट्टी में मिलने के कारण इससे मिट्टी प्रदूषित हो रही है !
मिट्टी प्रदूषित –
Mulching – The Protector Of Soil – इससे पता चलता है, कि मिट्टी प्रदूषित ( Soil Pollution ) हो रही है ! जो खेत और किसानों ( Farmer ) के लिए घातक है ! इसके कारण मल्चिंग (Mulching Soil) का इस्तेमाल करने वाले किसान ( Farmer News ) परेशान हो रहे थे, पर इसका भी अब उपाय मिल गया है ! अब प्लास्टिग मल्चिंग की बजाय कोकोपिट की मल्चिंग ( Mulching Soil ) शीट बनायी जा रही है.
देश में प्राकृतिक खेती ( Agriculture ) को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे में प्लास्टिक मल्चिंग मिट्टी ( Mulching Soil ) को प्रदूषित करती है ! खेत की जमीन ( Farming ) में आने वाली इस समस्या को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक ऑर्गेनिक मल्चिंग ( Mulching Soil ) की सलाह देते हैं !
Agriculture – मल्चिंग से काफी फायदा होता है ! इससे जमीन में लंबे समय तक मिट्टी में नमी बनी रहती है ! खेत (Farmers Advisory) में खरपतवार के बढ़वार को इससे रोकने में मदद मिलती है ! इसका फर्क उत्पादन ( Mulching – The Protector Of Soil ) में होता है ! क्योंकि अधिक खरपतवार नहीं होने पर सब्जियों को पूरा पोषण मिलता है ! खरपतवार नहीं होने से किसानो ( Farmers Advisory ) को खेत ( Farming ) की साफ सफाई करने में अधिक मेहनत नहीं लगता है, और पैसों की बचत होती है.
प्लास्टिक से अधिक होता है टिकाऊ –
Mulching – The Protector Of Soil – मल्चिंग के फायदे को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक किसानों ( Farmers Advisory ) को पुआल या पत्तों के लिए मल्चिंग ( Mulching Soil ) करने के लिए कहते हैं ! पर अब ऐसा मल्चिंग किसानों के लिए आया है, जिसका इस्तेमाल करने के खेत (Farming) की मिट्टी को नुकसान नहीं होगा ! साथ की खेत की मिट्टी की उपजाऊ ( Agriculture ) क्षमता बनी रहेगी !
इस मल्च को कोकोपिट द्वारा तैयार किया गया है ! केरल में किसान (Kisan News) खेत की मल्चिंग करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं ! प्लास्टिक मल्चिंग के मुकाबले यह अधिक टिकाऊ ( Mulching – The Protector Of Soil ) और फायदेमंद होता है ! इसकी खासियत यह होती है, कि इसमी मोटाई 15 जीएसएम तक की होती है ! प्लास्टिक मल्चिंग के मुकाबले यह चार से पांत साल तक टिकता है !
भूमि में बढ़ाता है पोषक तत्व –
Mulching – The Protector Of Soil – इसके जरिए विभिन्न मौसमें के दौरान बायोमास की मात्रा को बदला जा सकता है ! हमारी सीख के अनुसार फलीदार ( Agriculture ) पौधों के बायोमास को 5.0 किलोग्राम शुष्क बायोमास प्रति वर्ग मीटर की दर से मल्चिंग करने से ( Mulching Soil ) मिट्टी के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार के साथ-साथ खरपतवारों की संख्या को कम किया जा सकता है !
हालांकि कोकोपीट मल्च खरपतवारों ( Mulching – The Protector Of Soil ) को नियंत्रित करने और मिट्टी (Soil ) की नमी को बनाए रखने में बहुत प्रभावी है, प्राकृतिक खेती ( Agriculture ) के तहत मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए इसकी भूमिका ( Farming ) के लिए विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है !
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