जबकि कुछ किसान अभी सोयाबीन की बोवनी की लिए पर्याप्त बारिश (Rain) की प्रतीक्षा में हैं. ऐसी स्थिति में सोया किसानों को सलाह दी गई है कि वो पर्याप्त वर्षा (करीब 100 मिमी) होने की स्थिति में ही सोयाबीन की बोवनी करें. इसकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं क्योंकि दाम एमएसपी से अधिक मिल रहा है.
Soybean Farming Business
वैज्ञानिकों ने किसानों से कहा है कि वे एक ही किस्म के सोयाबीन की बोवनी करने के स्थान पर अपने खेत में विभिन्न समय अवधि में पकने वाली 2-3 किस्मों की खेती को प्राथमिकता दें. न्यूनतम 70 फीसदी अंकुरण गुणवत्ता के आधार बीज दर का प्रयोग करें. अंकुरण टेस्टिंग के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी के लिए उपलब्ध बीज का अंकुरण 70 परसेंट सुनिश्चित करें. विपरीत मौसम (सूखे की स्थिति और अतिवृष्टि आदि) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की बोवनी बीबीएफ (Broad Bed Furrow) यानी चौड़ी क्यारी पद्धति से करें.
कैसे करें बीज का उपचार
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने कहा है कि सोयाबीन की अच्छी खेती के लिए बुवाई से पहले बीज का उपचार जरूरी है. ऐसा करने से उत्पादकता में वृद्धि होती है और रोग लगने की संभावना कम हो जाती है. वैज्ञानिकों ने बीज उपचार के लिए ये सलाह दी है.
- बोवनी के समय बीज को पूर्व मिश्रित फफूंदनाशक एजोक्सीस्ट्रोबीन+थायोफिनेट मिथाईल+पायरोक्लोस्ट्रोबीन से उपचारित करें.
- पेनफ्लूफेन+ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन 38 एफएस) से .1 मिली/ किग्रा बीज उपचारित किया जा सकता है.
- अथवा कार्बोक्सिन 37.5 % +थाइरम 37.5 % ( 3 ग्राम/किग्रा बीज (अथवा थाइरम) 2 ग्राम ( एवं कार्बेन्डाजिम ) 1 ग्राम ( प्रति किग्रा बीज से उपचारित कर थोड़ी देर छाया में सुखाएं.
- इसके बाद अनुशंसित कीटनाशक थायामिथोक्सम 30 एफएस 10 मिली/ किग्रा बीज (अथवा इमिडाक्लोप्रिड) 1.25 मिली प्रति किग्रा बीज से भी उपचारित करें.
- सोयाबीन की बोवनी करते समय बीज को जैविक कल्चर ब्रेडीरायबियम +पीएसएम प्रत्येक 5 ग्राम/किग्रा बीज की दर से करें उपचारित करें. किसान रासायनिक फफूंदनाशक के स्थान पर जैविक फफूंदनाशक ट्रायकोडर्मा (10 ग्राम/किग्रा बीज) का भी उपयोग कर सकते हैं. जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलकर प्रयोग किया जा सकता है.
उर्वरकों का कितना इस्तेमाल करें?
सोयाबीन रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने बताया है कि यूरिया 56 किलोग्राम, 375+किलोग्राम सुपर फॉस्फेट व 67 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश अथवा 125 किलोग्राम डीएपी, 67+किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश+200 ग्राम सल्फर या मिश्रित उर्वरक@ 200 किलोग्राम+25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बेन्टोनेट सल्फर का इस्तेमाल करें.