General Knowledge Knowledge GK in Hindi छिपकली की पूंछ कटने के बाद फिर से कैसे उग जाती है | आपने कभी छिपकली के पूंछ को कटते हुए देखा है, अगर देखा है तो क्या आपको पता है कि छिपकली की पूंछ कटने के बाद दोबारा आ जाती है। छिपकली के पूंछ कटने से उसे कोई दिक्कत नहीं छिपकली फिर भी जिंदा होती है। छिपकली के पास प्राकृतिक तौर पर बचाव का कोई हथियार नहीं होता , इसी कारण से जब उसका किसी बलिष्ट शिकारी से सामना होता है , तो वो अपनी पूँछ गिरा देती है।
छिपकली की पूंछ कटने के बाद फिर से कैसे उग जाती है | GK in Hindi
जब पूंछ फुदक रही होती है तो वो शिकारी का ध्यान भटका देती है और इस समय का उपयोग करके छिपकली भाग जाती है। पूंछ गिराने के दौरान उसकी बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। छिपकली वापस आकर पूंछ खा सकती थी। इस तरह, छिपकली अपनी पूंछ को गिरते समय खोई हुई ऊर्जा प्राप्त कर सकती है, जो बहुत अधिक वसा जमा करती है।
छिपकली की पूंछ का वापस आना कोई चमत्कार नहीं होता है बल्कि पुनरुद्भवन की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में जीवों के कटे हुए अंग वापिस उग जाते हैं और ऐसा सिर्फ छिपकली की पूंछ के साथ ही नहीं होता है बल्कि ऑक्टोपस, तारा मछली और फ्लैटवर्म जैसे जीवों में भी ये प्रक्रिया पायी जाती है। स्टारफिश की कोई भुजा कट जाने पर वापिस आ जाती है और फ्लैटवर्म एक ही कोशिका से अपने शरीर को फिर से तैयार कर पाने की क्षमता रखता है।
पुनरुद्भवन की इस प्रक्रिया में क्या होता है | General Knowledge
छिपकली जैसे जीवों में, शरीर पर चोट लगने पर खून बहने के स्थान पर रक्त का थक्का बन जाता है और उसके बाद बहुत जल्द घाव ठीक भी हो जाता है। ऐसा होने से कोशिकाओं में कोई इन्फेक्शन नहीं होता। ब्लड क्लॉट (रक्त का थक्का) के नीचे स्थित एपिथेलियल कोशिकाएं घाव के चारों तरफ जमा हो जाती हैं जिससे घाव ठीक हो जाता है और घाव वाली जगह पर एक उभार बन जाता है। ये उभार पुनरुद्भवन कोशिकाओं के कारण होता है जो सक्रिय अविभेदित मीजेनकाईम कोशिकाएं होती हैं।
शरीर की कुछ कोशिकाओं में रिजनरेशन की क्षमता होती | GK In Hindi
ये सेल्स धीरे-धीरे उस कटे हुए अंग का निर्माण करने लगती है और इस पूरी प्रक्रिया में रिजनरेशन सेल्स से पूरा अंग बनने में लगभग 10 सप्ताह का समय लगता है और इस तरह छिपकली की कटी हुयी या क्षतिग्रस्त हुयी पूंछ भी वापिस आ जाती है। हमारे शरीर में भले ही खोया हुआ अंग वापिस बनाने की क्षमता नहीं होती है लेकिन फिर भी शरीर की कुछ कोशिकाओं में रिजनरेशन की क्षमता होती है जैसे बाल, नाखून और लीवर की कोशिका।
छिपकली में कटे अंग दोबारा बनने की इस प्रक्रिया को जानने के बाद वैज्ञानिकों ने इस पर खोज करना शुरू कर दिया ताकि इंसानों में भी इस तरह की प्रक्रिया से अंग पुनःनिर्माण संभव हो सके और इन शोधों से ये पता चला है कि छिपकली की शारीरिक संरचना मानव की संरचना से सबसे ज्यादा मिलती है।
GK in Hindi General Knowledge
ऐसे में छिपकली में रिजनरेशन करने वाले जीनों का पता लगाकर मानव शरीर के कई रोगों को ठीक किया जा सकेगा जैसे रीढ़ की हड्डी की चोट, गठिया और जन्म संबंधी विकृतियां आदि।अब आप जान चुके हैं कि छिपकली की कटी हुयी पूंछ का वापिस उगना रिजनरेशन यानि पुनरुद्भवन की प्रक्रिया के कारण होता है। उम्मीद है जागरूक पर छिपकली की पूँछ कटने के बाद फिर से कैसे उग जाती हैं GK In Hindi General Knowledge |
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