EPS 95 Higher Pension : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organization ) ने पिछले सप्ताह कर्मचारियों पेंशन योजना ( Employees Pension Scheme ) के तहत उच्च पेंशन के लिए संयुक्त रूप से आवेदन करने के लिए ग्राहकों और उनके नियोक्ताओं को सक्षम करने के लिए दिशानिर्देश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, रिटायरमेंट फंड हाउस ने अब कर्मचारियों को 15,000 रुपये प्रति माह के पेंशन योग्य वेतन से आगे जाने की अनुमति दी है.
EPS 95 Higher Pension
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organization ) के कई सबस्क्राइबर अभी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर उन्हें ज्यादा पेंशन मिलेगी कैसे? क्या उनके हाथ में आने वाले वेतन में से कुछ कटौती करके पैसा कर्मचारियों पेंशन योजना ( Employees Pension Scheme ) फंड में डाला जाएगा या फिर किसी और तरीके से इसे बढ़ाया जाएगा? इसके अलावा एक सवाल ये भी कि कौन से कर्मचारी इसे चुन सकते हैं. अगर चुनें तो क्यों चुनें? न चुनें तो क्या नुकसान हो सकता है? अगर आप भी EPS 95 को लेकर किसी दुविधा में हैं तो फिक्र न करें.
जिस EPS-95 की चर्चा है, वो असल में है क्या
निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों (जो ईपीएफओ के खाताधारक हैं) रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ दिलाने के लिए 1995 में नया नियम लागू किया गया था. इसे ही EPS-95 कहते हैं. इसके तहत, पहले पेंशन फंड में अंशदान के लिए अधिकतम वेज 6,500 रुपये माना गया था. यानी आपकी सैलरी कितनी भी हो, पेंशन फंड में 6,500 का 8.33 फीसदी ही जाएगा. बाद में इसे बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया. यानी आपका वेतन कितना भी हो, पेंशन फंड में 15,000 रुपये का 8.33 फीसदी ही जाएगा.
Employees’ Provident Fund Organization कौन और कैसे करता है पेंशन फंड में अंशदान
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के हर मेंबर के 2 खाते होते हैं. एक कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और दूसरा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS). कर्मचारी के बेसिक और डीए से हर महीने 12 फीसदी राशि काटकर EPF में डाली जाती है, जबकि उसका नियोक्ता भी कर्मचारी के बेसिक और डीए का 12 फीसदी डालता है. लेकिन, नियोक्ता का पूरा अंशदान EPF में नहीं जाता. नियोक्ता के अंशदान में से 8.33 फीसदी रकम EPS खाते में जाती है, जबकि 3.67 फीसदी रकम EPF खाते में डाली जाती है.
पहले क्या था, अब क्या बदल गया
बलवंत जैन कहते हैं कि इस पूरे बदलाव का कर्मचारी की ओर से होने वाले अंशदान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सारा चेंज नियोक्ता के अंशदान वाले हिस्से में होना है. इसे थोड़ा कैलकुलेशन से समझना बेहतर होगा. EPS में पहले 6,500 रुपये के अधिकतम वेज पर ही अंशदान होता था. इसका मतलब हुआ कि अगर आपकी बेसिक और डीए सैलरी 1,00,000 रुपये थी, तो कर्मचारी की ओर से इसका 12 फीसदी यानी 12,000 रुपये सीधे EPF खाते में डाल दिया जाता था. वहीं, नियोक्ता की ओर से 6,500 रुपये का 8.33 फीसदी यानी 541.45 रुपये EPS में डाला जाता था और बाकी पूरा पैसा EPF खाते में जाता था.
EPFO आपको कैसे करना होगा अप्लाई
EPFO के 20 फरवरी को जारी सर्कुलर के बाद EPFO के ऐसे सब्सक्राइबर जो 31 अगस्त, 2014 को ईपीएफओ के सदस्य थे, लेकिन EPS के तहत ज्यादा पेंशन की कर्मचारियों पेंशन योजना ( Employees Pension Scheme ) का चुनाव नहीं किया है, वे 3 मार्च, 2023 से पहले इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। ईपीएफओ ने कहा है कि इसके लिए एंप्लॉयी और एंप्लॉयर (कंपनी) को संयुक्त रूप से ईपीएफओ के पास अप्लाई करना होगा। इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organization ) की तरफ से जल्द सुविधा दी जाएगी। EPFO इसका URL जल्द जारी करेगा।
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