राज्य के किसानों ( Farmer ) की तरफ से इस योजना ( Mera Pani Meri Virasat Yojana ) को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. इस योजना के तहत किसानों को धान की जगह वैकल्पिक फसलों की खेती करने पर आर्थिक सहायता भी दी जाती है. यहीं कारण है कि किसान इसके तरफ आकर्षित हो रहे हैं. हरियाणा में धान की खेती ( Paddy Farming ) में अत्यधिक पानी की जरूरत पड़ती है. इससे भूजल स्तर में कमी आ रही है, जिसे रोकने के लिए सरकार ने योजना की शुरुआत की थी.
Mera Pani Meri Virasat Yojana
राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रत्येक जिले में किसान इस योजना ( Mera Pani Meri Virasat Yojana ) के तहत पंजीकरण करा रहे हैं. उन्होंने धान की जगह मक्का, अरहर, मूंग, तिलहन और सब्जियों जैसी फसलों की खेती पर जोर दे रहे हैं. इन फसलों की खेती ( Paddy Farming ) में पानी की कम जरूरत पड़ती है. कृषि विभाग ने कहा कि योजना धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है और किसान ( Farmer ) इसका लाभ लेने के लिए कृषि और बागवानी विभाग में पंजीकरण करा रहे हैं.
प्रति एकड़ के हिसाब से मिलते हैं 7000 रुपए
इस खरीफ सीजन में कृषि और बागवानी विभाग को 5600 एकड़ क्षेत्र में होने वाली धान की खेती ( Paddy Farming ) की जगह अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती कराने का लक्ष्य दिया गया है. कृषि विभाग ने अपने हिस्से के 4350 एकड़ में से 3851 एकड़ में धान की जगह वैकल्पिक फसलों की खेती कराने में सफलता प्राप्त कर ली है. वहीं बागवानी विभाग के 1250 एकड़ में से 509 एकड़ क्षेत्र में अन्य फसलों की खेती हो चुकी है. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य डबास ने कहा कि हमने लक्ष्य का 89 प्रतिशत हासिल कर लिया है. हमें उम्मीद है कि 30 जून की समय सीमा से पहले हम बाकी बचे क्षेत्र को भी कवर कर लेंगे. आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है, जिससे बुवाई में तेजी आने की उम्मीद है.