PM Kisan eKYC
हम पहले सवाल का उत्तर जानने की कोशिश करते हैं. दरअसल, इस स्कीम ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी. तब से अब तक 11 किस्त में केंद्र सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम सीधे किसानों ( Farmer ) के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की है. सरकार की कोशिश है कि पात्र किसानों को ही इस स्कीम के जरिए सालाना 6000 रुपये का लाभ मिले. लेकिन गड़बड़ी करने वाले तो हर जगह हैं. इसलिए यह योजना भी अपात्र लोगों का शिकार हो गई. ऐसे में ई-केवाईसी अनिवार्य करना पड़ा ताकि पात्र लोगों को ही पैसा मिले.
केवाईसी का क्या फायदा?
केवाईसी का फुल फॉर्म होता है नो योर कस्टमर ( Know Your Customer ) यानी अपने ग्राहक को पहचानो. अब सरकार इसके जरिए लाभार्थी किसानों ( Farmer ) का नाम, पता, फोन नंबर, आधार और अन्य डिटेल वेरिफाई करना चाहती है. यह काम जब इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल माध्यमों से होता है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी बोलते हैं. केवाईसी किसानों के प्रमाणीकरण का तरीका है. केवाईसी के अभाव में किसानों को आगामी किस्तों से हाथ धोना पड़ सकता है.
कितने अपात्र किसानों ने लिया पीएम किसान का फायदा?
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) का करीब 54 लाख अपात्र किसानों ( Farmer ) ने फायदा उठाया है. इनमें असम, तमिलनाडु, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा अपात्र पाए गए हैं. इन किसानों को करीब 4300 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसकी वसूली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसलिए अब लाभार्थियों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है.
PM Kisan eKYC कहां करवाएं ई-केवाईसी
कृषि मंत्रालय के अनुसार ई-केवाईसी के लिए आपका आधार और मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है. लैपटॉप या मोबाइल से ओटीपी के जरिए यह काम कर सकते हैं. पीएम किसान स्कीम ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) की वेबसाइट पर ई-केवाईसी का विकल्प दिया गया है. किसानों ( Farmer ) खुद केवाईसी करने में सक्षम नहीं हैं तो अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) में जाकर यह काम करवा सकते हैं. जन सेवा केंद्रों पर ई-केवाईसी के लिए 15 रुपये प्रति लाभार्थी की फीस तय है.